आज में आप लोगों के लिए एक ऐसी कहानी लेकर आया हूं जिसे पढ़ने के बाद आपको भी लगेगा कि क्या कहानी है।
यह कहानी आधारित है एक छोटे और सुखी परिवार पर। जिसपर कुछ लोगों का कहर बरस पड़ता है।
Bhuton ki kahani padne ke lie hmare sath jude rhen
जुर्म का कहर
Jurm ka kahar
रामनगर शहर में एक खुशी परिवार रहता था। उसमें चार सदस्य थे, रामु उसकी पत्नी रानी और उनके दो बच्चे चंचल और सोमू।
चंचल अभी 9 साल की थी और सोमू 6 साल का। रामु ज्यादा अमीर तो नहीं था पर मेहनत मजदूरी करके वह अपना परिवार चला लेता था। उसके दोनों
बच्चे शहर के सरकारी स्कूल में पढ़ते थे।
वो अपना जीवन खुशी खुशी बिता रहे होते हैं। तभी रामु की नोकरी छूट जाती है और वह बेरोजगार हो जाता है। वह काम की तलाश में दिन भर भटकता रहता था।
फिर एक दिन वह एक कंपनी में जाता है तो वो लोग रामु को नोकरी पर रख लेते हैं। जब रामु को काम मिल जाता है तो वह बहुत खुश होता है।
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एक दिन जब रामु काम कर रहा होता है तो उसके कुछ साथी उसे भला बुरा कहते हैं। पर रामु उनकी बातों का बुरा नही मानता और अपना काम जी जान से करता है।
उसी कंपनी में हरिया रंगा और कल्लू भी काम कर रहे होते हैं। ये लोग बहुत लालची होते हैं। इसलिए उनका मालिक उनपर ज्यादा यकीन भी नहीं करते। रामु अपना काम बहुत मन लगाकर करता था।
वह अपने मालिक को कभी शिकायत का मौका नहीं देता था। इसलिए रामु का मालिक उसपर बहुत विश्वास करने लगता है।
कभी कभार वह रामु को अधिक काम दे दिया करता था जिसके पैसे वह अलग से देता था।
वह रामु से कहता है कि उसे यह बैग उसके एक व्यापारी मित्र को देना है। जो कल उसके कार्यालय में आएगा। रमु अपने मालिक से कहता है कि यह बैग आप ही उन्हें दे दीजियेगा।
उनकी बातें रंगा सुन लेता है और वह अपने दोस्तों को यह सब बता देता है। रंगा और उसके दोस्त लालची सुभाव के थे इसलिए वे रामु से वह बैग छीनने का प्लान बनाते हैं।
उस वक्त रामु का पूरा परिवार खाना खाने की तैयारी कर रहा होता है। फिर रंगा अपने दोस्तों के साथ वहां पहुंचता है और कहता है कि वो उस बेग को लेने आये हैं।
रामु कहता है कि कोन सा बेग वह किसी बैग के बारे में नहीं जानता। रामु जनता था कि वो लोग लालची हैं, इसलिए वह उन्हें बेग के बारे में कुछ भी नहीं बताता है।
तब रंगा कहता है देख रामु झूठ मत बोल मैंने तुझे खुद पैसों से भरा बैग लेजाते हुए देखा है। इसलिए तेरे लिए अच्छा यही होगी कि तू चुप चाप हमें वो बैग दे दे। फिर रामु कहता है कि तुम्हे जो करना है कर लो में तुम्हे वो बैग कभी नहीं दूंगा।
यह सब सुनकर हरिया को गुस्सा आता है और वह रामु को मारने पीटने लगता है। यह देखकर रामु की बीवी उन्हें सब बताते हुए कहती है कि बैग उस कमरे में है।
कल्लू नहीं चाहता था कि वह पकड़ा जाए इसलिए वो सब को पास में बुलाता है और कहता है कि अगर हमने इन्हें ऐसे ही छोड़ दिया तो यह हमारे लिए मुसीबत बन जाएंगे।
इसलिए हम मिलकर रामु को धमकाते हैं। फिर वो रामु के पास जाते हैं और कहते हैं कि देख रामु अगर तूने किसी को कुछ बताया तो समझ लेना कि तेरा परिवार खतरे में है।
कल्लू रामु की बीवी के पास जाता है और उसके बालों में हाथ फेरने लगता है। यह देख रामु को गुस्सा आ जाता है और वह उनपर हमला कर देता है।
अब कल्लू और चिंतित हो जाता है और कहता है कि अब तो हमें जेल जाने से कोई नहीं रोक सकता। कल्लू को डरा हुआ देख रंगा कहता है कि कुछ नहीं होगा।
फिर वो सब मिलकर रामु के पूरे परिवार को मार कर उन्ही के बगीचे में दफना देते हैं।
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फिर अगले दिन भी रामु काम पर नहीं आता अब उसके मालिक को उसकी चिंता होने लगती है। तब वह पुलिस थाना जाकर इसकी रिपोर्ट करता है।
पुलिस पूंछताछ के लिए कारखाने में आती है और वो पूंछते हैं कि आखिरी बार तुम लोगों ने रामु को कब देखा था?
तभी रंगा वहां आ जाता है और वह कहता है कि वो सकता है उसके मन में लालच आ गया हो और वह पैसे लेकर कहीं भाग गया हो।
तो छानबीन के लिए पुलिस रामु के घर जाती है और उनके पड़ोसियों से पूंछताछ करती है।
तो सभी यही कहते हैं कि उन्होंने उसे परसों रात को ही देखा था। तब से उसके घर पर ताला लगा है। वो नहीं जानते कि वह कहां चला गया।
इतने समय बाद वो एक दूसरे से मिलेंगे यह सोचकर वो वापस रामनगर में आते हैं।
क्योंकि वो जिस मोल का उद्घाटन करने गए थे वह वहां पर बना था जहां उन्होंने रामु और उसके परिवार को दफनाया था।
उद्घाटन वाली रात को सभी मोल में ही रुकने वाले थे क्योंकि मोल के मालिक ने उनके लिए कोई स्पेशल प्रोग्राम रखा था। रात को वो वहीं रुकते हैं और प्रोग्राम शुरू होता है। कुछ गोरी चमड़ी वाली लड़कियां वहां डांस करने आती हैं।
जैसे ही वह पेशाब करके हाथ धो रहा होता है तो उसे शीशे में रामु के साथ उसका परिवार खड़ा दिखाई देता है।
वह उन्हें देखकर डर जाता है और भागा भागा हरिया और रंगा के पास जाता है। कल्लू दोनो को सब कुछ बता देता है।
पर वो दोनों उसकी बात को मजाक में ले लेते हैं और कहते हैं कि उसे चढ़ गई है। वह उससे कहते हैं कि ज्यादा मत सोंच यहां बैठकर चुपचाप मजे ले। पर कल्लू डरा हुआ होता है इसलिए वह मन ही मन कुछ बोलता रहता है।
पर जैसे ही वह कमरे में पांव रखता है तो उसे उस लड़की में रामु की पत्नी नजर आने लगती है। वह डरकर वहां से भागता है और हरिया के कमरे का दरवाजा खटखटाता है।
परेशान होकर हरिया दरवाजा खोलता है। और उससे पूंछता है कि क्या हुआ? कल्लू हकलाती हुई आवाज में कहता है कि उसने रामु की पत्नी को देखा।
फिर हरिया कहता है कि उसे मारे तो दस साल हो गए हैं। तुझे चढ़ गई है इसलिए ऐसी बहकी बहकी बाते कर रहा है। जा जाकर सो जा। फिर कल्लू हिम्मत करके अपने कमरे में जाता है।
फिर उसे रामु की पत्नी दीवार पर चलते हुए दिखाई देती है। वह डर जाता है और भूत भूत करके भागने लगता है। पर इस बार दरवाजा बंद हो जाता है।
वह दरवाजा खोलने की बहुत कोशिश करता है पर दरवाजा नहीं खुलता। कल्लू रामु की पत्नी से माफी मांगने लगता है। वह कहता है कि मुझे छोड़ दो मैंने लालच में आकर ये सब किया था। मुझे मांफ कर दो।
रामु की पत्नी कल्लू को हवा में लटका देती है और कहती है कि तुम्हारे लालच की वजह से हमारा हँसता खेलता परिवार उजड़ गया। तुझे कैसे मांफ कर दूं।
फिर वह उसे कुर्सी पर बांधकर उसके शरीर में करंट से भरी तार लपेट देती है। जिससे कल्लू तड़प तड़प कर मर जाता है।
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अब वो कल्लू के कमरे में जाते हैं। वहां जाकर देखते हैं कि कल्लू कुर्सी पर बंधा हुआ है और एक तार उसके शरीर से जुड़ी हुई है।
वो धीरे से उस तार को निकालते हैं। फिर वो देखते हैं कि कल्लू मार चुका होता है। फिर वो वहां से भागते हैं। वो बाहर भागने की कोशिश करते हैं।
पर सभी दरवाजे और खिड़कियां बन्द हो जाती हैं। फिर उन्हें भी रामु और उसका परिवार दिखाई देने लगता है। वो उनसे बचकर भागते हैं।
उन्हें अजीबो गरीब आवाजे सुनाई देने लगती हैं। हरिया सिंडी से ऊपर भाग रहा होता है।
तभी अचानक उसके सामने रामु के बच्चे आ जाते हैं और डर के मारे वह पीछे की तरफ सीढ़ी पर गिर पड़ता है। सीढ़ी पर गिरने की वजह से उसके सिर में गंभीर चोट लगती है और वह वहीं मर जाता है।
रंगा इतना डर जाता है कि वह तुरंत अपने घर जाकर सारे रुपए एक बैग में भरकर उसके मालिक के पास चल देता है।
वह बेग मालिक को लौटा देता है और कहता है कि उसने और उसके साथियों ने रामु और उसके परिवार को मारकर यह बेग उससे लिया था।
उसकी बात सुनकर उसका मालिक तुरंत पुलिस को फ़ोन करता है। पुलिस वाले वहां जल्द से जल्द पहुंचते और रंगा को गिरफ्तार कर लेते हैं।
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